एसपी की गुंडा सरकार को जनता के बीच अपनी बेहतर छवि से ज्यादा अपने गुंडे नेता और मंत्री प्यारे हैं। एसपी सरकार के नेताओं और मंत्रियों की गुंडागर्दी और दबंगई से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं और पार्टी के आला नेता हैं, जो उन्हें बचाने में जोर लगाए दे रहे हैं। फिर चाहे वो राममूर्ति सिंह वर्मा हों या पूर्व राज्यमंत्री इकबाल, कैलाश चौरसिया हों या तोताराम।
इसके उलट बसपा सरकार अपने दागी मंत्रियों व नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने में कहीं आगे थीं। मंत्रियों या नेताओं पर आरोप लगते ही उन्हें पदों से हटाने और घर बुलाकर गिरफ्तारी कराने में बसपा सरकार ने लोगों के सामने नजीर रखी। फिर चाहे आरोपित नेता उनका कितना ही करीबी क्यों न हो।
बीएसपी सरकार का सख्त रुखः
– तत्कालीन बीएसपी सांसद उमाकांत यादव पर दबंगई और जबरन जमीन कब्जा करने का आरोप लगने पर मायावती ने घर बुलाकर सांसद को गिरफ्तार कराया।
– फैजाबाद में छात्रा शशि के मामले में तत्कालीन खाद्यमंत्री आनंद सेन पर अगवा करने का आरोप लगा। 4 घंटे में आनंद सेन को मंत्री पद से हटाया। सरकार ने आनंद सेन के खिलाफ मुकदमा लड़ा।
– औरैया में इंजीनियर मनोज गुप्ता को चंदा मांगने के लिए पीडब्लूडी मंत्री शेखर तिवारी ने पीट-पीट कर मार डाला। विधायक को गिरफ्तार कराया और जेल भिजवाया। सरकार ने केस लड़ा।
– मत्स्य विकास राज्य मंत्री यमुना निषाद को थाने में फायरिंग और फायरिंग में सिपाही की मौत के मामले में निषाद को अपने घर बुला कर गिरफ्तार कराया।
– बांदा के विधायक पुरुषोत्तम नरेंद्र द्विवेदी को दलित लड़की से बलात्कार के मामले में पहले पार्टी से निलंबित किया फिर जेल भेज दिया।
– बुलंदशहर के विधायक रहे गुड्डू पंडित पर यौन शोषण का आरोप लगने पर गिरफ्तार कराया और जेल भेजा।
लेकिन एसपी सरकार का यह है हालः
-राज्यमंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा के खिलाफ नौ जून से केस दर्ज है। अभी तक न पूछताछ, न गिरफ्तारी, न पद से हटाया
-दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री तोताराम यादव ने महिलाओं को लेकर अभद्र टिप्पणी की। एक सप्ताह से ज्यादा समय बीत गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं
-राज्यमंत्री कैलाश चौरसिया ने आरटीओ चुन्नीलाल को रंगदारी न देने पर पीटा। आरटीओ के तहरीर देने के बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं कार्रवाई की बात तो काफी दूर।
-पूर्व राज्यमंत्री इकबाल ने बाराबंकी टोल प्लाजा पर जमकर गुंडई की, मुकदमे में भी नहीं किया नामजद, गिरफ्तारी तो दूर की बात।